Koi bahana mat banao – कोई बहाना मत बनाओ |
यीर्मयाह – 1 : तब मैने कहा, हाय, प्रभू यहोवा!, देख मै तो बोलना ही नही जानता, क्यूकी मै लाडक हूं |
Koi bahana mat banao परमेश्वर आपको कठीण कार्य सोपं सकते है, लेकिन जब हम नही करणा चाहते और छोडने के लिए तैयार होते है, तो उनका आव्हान हमे आगे बढणे मै मदत करता हैं |
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परमेश्वर जिस व्यक्ती का उपयोग करणा चाहता है उसे कोई बहाना नही बनाना चाहिए (यीर्मयाह 1:6)
1) अपना हृदय तूट जाने दो : यीर्मयह 8,9
2) निराशा से उपर उठो : यीर्मयाह 20
3) आग्याकरिता मै दृढ रहो : यीर्मयाह 37, 38
शास्त्र यीर्मयाह 1 : 4 – 14, 17 – 19
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परिचय
बहाने बनाने कि कला मै हम निपुण है, हैं ना? “मुझे नही पता कैसे “| “मुझे समझ नही आया |” “मुझे सही उपकरण नही मिल पाये “| “मुझे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेना हैं |” खतरनाक दल यहा हैं और मुझे घरसें बाहर नही जाने देगा “| “और मेरा एक रिश्तेदार हवाई जहाज से आ राहा हैं, मुझे उसे हवाई अड्डे लेने जाना हैं “| और मेरा हमेशा से favorite “आज मै सुबह बहोत देर से उठा “|
इसाई जगत मै हम परमेश्वर कि आवाज को न सुनने के कई बहाने दूंढ सकते हैं | यह पास्टर का काम हैं | मुझे सेवकांई का उपहार नही मिला हैं | “मैने पहलेही सेवकांई कर ली हैं, अब किसी और को करणे दो “| “मै बहुत व्यस्त हू, या बहुत थका हुआ हू, या बहुत बुढा हू या बहुत छोटा हू |”
कहा गया हैं, “बहाने असक्षम लोगो के हथियार हैं, और जो लोग इस मै माहीर होते हैं, वे शायद ही कभी आगे बढ पाते हैं| बैन फ्रेक्लीन ने लिखा हैं, जो बहाने बनाने मै अच्छा हो, वो शायद ही कभी किसी और चीज मै अच्छा हो | गेब्रीएल मेरियर ने कहा हैं, जो खुदा को बहाने बनाता हैं, वह खुद पर आरोप लगाता हैं|
जब परमेश्वर ने यीर्मयाह को भविषवक्ता बनाने के लिए बुलाया, तो उसके पास बहाना तैयार था | उसके बहाने अक्सर हमारे बहाने जैसे होते थे, कि जब परमेश्वर बुलात हैं तब हम उसकी आवाज पर ध्यान न दे | हर बहाने का जवाब देना परमेश्वर कि और से एक वादा था |
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1) बहाना :
कार्य कठीण हैं यीर्मयाह को “राष्ट्रो के लिए एक भविषवक्ता ” (यीर्मयाह 1 : 5) होणे के लिए बुलाया गया था, न कि उसके पिता और दादा कि तरह एक याजक | एक भविषवक्ता और परमेश्वर का चुना हुआ और अधिकृत प्रवक्ता होता था जो परमेश्वर कि घोषणा करता था | जो लोगोको परमेश्वर का वचन सुनाता था | हम अक्सर भविषवक्ता को येसे लोगो के रूप मै सोचते हैं जो भविष्य बता सकते हैं | लेकिन एक भविषवक्ता ने वर्तमान को संदेश दिए जिसका भविष्य पर प्रभाव पडा | जो लोगो के पापो को उजागर करते थे और उन्हे परमेश्वर के सामने उनकी वाचा कि जिम्मेदारीयो पर वापस बुलाते थे |
एक भविषवक्ता होना याजक के रूप मे सेवा करणे से जादा मांग वाला काम था | याजक के कर्तव्य पूर्वानुमणीत थे, सब कुछ नियम मै लिखा हुआ था | भविषवक्ता को एक दिन से दुसरे दिन तक कभी नही पता होता था कि प्रभू उसे क्या कहने या करणे के लिए बुलायेंगे | याजक मुख्य रूप से अतीत को संरक्षित करणे के लिए काम करता था | भविषवक्ता वर्तमान को बदलणे के लिए काम करता था, ताकी राष्ट्र का भविष्य हो | याजक बाहरी चिजोसें निपटते थे – अनुष्ठान, बलिदान, भेट, सेवाऐ – जबकी भविषवक्ता दिलोतक पहुचने और उन्हे बदलणे कि कोशिश करते थे | याजक मुख्य रूप से विभिन्न जरुरत वाले व्यक्ती यो कि सेवा करते थे | दुसरी और भविषवक्ता पुरे राष्ट्र को संबोधित करते थे | याजक एक विशेष जनजाती से संबंधित थे और इसीलिये उनकेपास अधिकार और सम्मान था, लेकिन एक भविषवक्ता किसी भी जनजाती से आ साकता था और उसे अपने दिव्य आव्हान को साबित करणा पडता था | याजक को लोगो के भेट और बलिदान से समर्थन मिलता था | लोगोकें बलिदान और भेटो से उनका भरन – पोषण होता था, लेकिन भविषवक्ता के पास आय कि कोई गॅरंटी नही थी |
येशू को भी भविषवक्ता बनने के लिए भेजा गया था | वह जगह -जगह घुमकर लोगो को बदलणे कि चुनोती देता था, ताकी स्वर्ग मै उनका भविष्य सुनिश्चित हो सके | येशू मसिह ने लोगो के दिलों से बात कि | अधिकांश लोगोंने पश्चताप करके उनके संदेश को स्वीकार नही किया, क्यूँकी वे बदला नही चाहते थे |
वादा :
परमेश्वर आपको कोई कठीण काम सोपं सकता हैं, लेकिन जब हम नही करणा चाहते और हार मानणे को तैयार होते हैं, तो उनका आव्हान हमे आगे बढणे मै मदत करता हैं | हमारे पास परमेश्वर के उद्देश का वादा हैं “मैने तुझे गर्भ मै रचने से पहले ही चुन लिया था, मैने तुझे जन्म से पहले ही अलग कर दिया था, ” (यीर्मयाह 1 : 5) क्रिया जानना सिर्फ जागरूक होणे से कई जादा मायने रखता हैं | यह उस व्यक्ती के उद्देश और महत्व को पहचान ने का विचार रखता हैं जिसे जाना जाता हैं | परमेश्वर यीर्मयाह हो जानता था, उसने यीर्मयाह को चुना और उसे सेवा करणे के लिए नियुक्त किया | वह नाम से जाना जाता था | ये कार्य हमे उद्देश कि एक महान भावना देते हैं | परमेश्वर के उद्देश का वादा हमे अपनी योजना को छोडनेऔर बिना किसी डर के परमेश्वर कि योजना को प्राप्त करणे कि अनुमती देता हैं | यीर्मयाह और येशू मसिह कि तरह हमे, यह स्वीकार करणे कि जरुरत हैं, कि हमारा भविष्य हमारा अपना नही हैं, हम परमेश्वर के हैं | हमारे जीवन के लिए उनके पास एक अलग योजना और उद्देश हैं |
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2) बहाना :
मेरी प्रतिभा अपरयाप्त हैं “लेकिन मैने विरोध किया, ‘नही, हैं प्रभू परमेश्वर! देख मैं बोलना नही जानत, क्यूकी मैं अभि बालक हूं ” (यीर्मयाह 1 : 6) | यीर्मयाह ने खुद को सामाजिक वक्ता के रूप मैं अपर्याप्त महसूस किया | वैसे, ये बहाना मुस्सा ने भी सझा किया था (निर्गमन 4 : 10)|
जब उन्होने यह समाचार सुना कि, मुझे प्रचार करणे के लिए बुलाया गया हैं | लेखक कैलवीन मिलर ने अपने आव्हान कै बारे मैं लिखा हैं |
मैं इतनी हीन भावना से ग्रसित थी, कि मेरे बडे होनेपर मेरे पडोसी योने भी इस बात को देखा और मेरी माँ को भी बताया जब मैं किशोरवस्था मैं थी तब मेरी एक बहन ने ये महसूस किया कि परमेश्वर ने मुझे खुद से संपर्क कि यह | उसने मुझे बताया कि उसकी राय मैं, जो किंग जेम्स बायबल कि तरह ही त्रुटीहीन था,q अगर परमेश्वर ने मुझे कुछ करणे कै लिए बुलाया हैं तो. उसके पास कोई, गलत नंबर होगा | मैने अपने पास्टर को बताया कि मुझे प्रचार करणे कै लिए बुलाया गया हैं तब उन्हे ये नही,, लगा कि परमेश्वर कै पास गलत नंबर होगा | लेकिन उन्हे ये चिन्ता थी कि शायद मेरा कनेक्शन खराब हो गया हैं |
परमेश्वर कै पास हमारे कमजोरी और अपऱ्यापताओ पर विजय पाने का एक तरिका हैं, हैं ना? हालाकी, मैने वर्षोसे सिखा हैं कि जो व्यक्ती अपनी अपार्याप्तता के बारे मैं सबसे अधिक जागरूक होता हैं, वह आम तौर पर परमेश्वर कि सर्व पर्याप्तता पर सबसे अधिक निर्भर होता हैं | मेरी अपर्यापतता ने मुझे परमेश्वर पर भरोसा करणे के लिए प्रेरित किया हैं | मेरी कमजोरीयोमै उनको शक्ती पूर्ण रूप से प्रगट होती हैं | उनकी महिमा मेरे खामियो के माध्यम से प्रगट होती हैं |
वादा :
हमारी प्रतिभा अपर्याप्त लाग सकती हैं, लेकिन परमेश्वर हमेशा उन लोगोको सुसज्जीत करता हैं जिन्हें वह बुलात हैं | हमारे पास परमेश्वर के प्रावधान का वादा हैं | “तब येहोवाने अपना हात बडाकर मेरे मुहं को छुआ, और मुझसे कहा : अब मैने तेरे मुहं को अपने वाचनो से भर दिया हैं | ” (यीर्मयाह 1 :9) यह स्पर्श शुद्ध करणे के लिए नही था, बल्की प्रेरित करणे और सशक्त बनाने के लिए था | यह यीर्मयाह को दिई गई भविषवानी का प्रतीक था | येशू मसिह ने इस स्पर्श को प्रत्यक्ष फिर भी गहन तारिकेसे महसूस किया | बाप्तीस्मा के बाद, पानी से बाहर आते ही, स्वर्ग खुल गया और परमेश्वर कि आत्मा कबुतर कि तरह उसपर उतरी | और परमेश्वर ने कहा ये मेरा प्रिय पुत्र हैं और मैं इससे प्रसन्न हूं | (मत्ती 3 :17)
परमेश्वर चतूर वक्ता को आशिषित नही करते, बल्की उस व्यक्ती को आशिषित करते हैं, जिसकी जीभ को अंगारोसे छुआ गया हैं | परमेश्वर सबसे प्रतिभाषाली और ओरतिभावान व्यक्ती का उपयोग नही करते, बल्की परमेश्वर के हाथ से छुये हुये व्यक्ती का उपयोग करते हैं | परमेश्वर कालसीया या समुदाय या राष्ट्र को हिलाने के लिए सबसे असंभवीत व्यक्तींयोका उपयोग करते हैं | स्पर्श कि सामर्थ को कभी कम मत सामाजिए ; खासकर तभी जब परमेश्वर स्पर्श करते हैं |
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3) बहाना :
समय सही नही हैं यीर्मयाह ने परमेश्वर से कहा,” मैं तो अभि एक युवक हूं ” ( यीर्मयाह 1 : 6) युवा शब्द – दुर्भाग्यसे बायबल के कुछ संस्करनो मैं बच्चे के रूप मैं अनुवादीत – आम तौर पर युवा, अविवाहित व्यक्ती को दर्षाता हैं, जो किशोरवस्था या बीस के दशक कि सुरुवात मैं होता हैं | अधिकांश विद्वानो कां मानना हैं कि यीर्मयाह को बुलये जाने के समय उसकी उम्र लगभग 20 से 25 वर्ष थी | उसका उत्तर उसकी उम्र को नही बल्की अपरिपक्वता कि गहरी भावना को प्रगट करता हैं | वह खुद को हीन, अनुभव हीन और उस कार्य को आकार से भयभीत महसूस करता था जिसके लिए परमेश्वर उसे बुला रहा था |
वादा :
परमेश्वर कां बुलावा अनुचित समय पर आ सकता हॆ | लेकिन वह अपने सेवक को कभी अकेले नही भेजता | हमारे पास परमेश्वर कि उपास्तिती कां वादा ही | ” तब यहोवा ने मुझसे कहा, मत कह कि मैं लडका हूं, क्यूकी जिस किसी के पास मैं तुझे भेजुंगा, वहाँ तू जायेगा, और जो कुछ मैं तुझसे कहूँगा, वही तू कहेगा | किसीसे मत डर, क्यूकी मैं तुझे छुडा ने के लिए तेरे साथ रहुंगा | यहोवा कि यही वाणी हैं | ( यीर्मयाह 1 : 7-8)
कृपया इस वादे कि शर्त पर ध्यान दे, यीर्मयाह को परमेश्वर कि उपस्तिती कां अनुभव करणे से पहले, उसे वहाँ जाना थाजहाँ परमेश्वर ने उसे भेजा था, जो परमेश्वर ने उसे कहा था उसे बोलना था, और भय को त्यागना था | किसी ने एक बार कहा था कि जब परमेश्वर हमे किसी कार्य के लिए बुलाते हैं, तो वह हमे अनुसरणं करणे के लिए कोई मार्ग – चित्र नही देता हैं और फिर हमे हमारे संसाधनो पर छोड देता हैं | परमेश्वर हमारे साथ चलता हैं | उसकी उपस्तिती हमे हर हमले कां सामना करणे कि सामर्थ देता हैं |
येशू मसिह ने भी यही उपस्तिती महसूस कि वह और पिता एक थे | वह आगे बढ सका क्यूकी परमेश्वर उसके साथ चलता था |
यह जानना कितना महत्वपूर्ण हैं, कि जब हमे भेजा जा रहा हैं, तो कोई हमारे साथ जा रहा हैं | हम जाणते हैं हमे अकेले सडक पर नही चलना हैं, हमारे साथ एक साथी हैं |
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4) बहाना :
यह शिक्षण खतरनाक हैं प्रभू ने यीर्मयाह को उद्धार कां आनंदपूर्ण संदेश नही दिया, बल्की न्याय कां दुःखद संदेश दिया | परिणाम स्वरूप यीर्मयाह को गलत समझा गया, सताया गया, गिरफ्तार किया गया और कैद किया गया | एक से अधिक बार उसकी जान को खतरा था | लोग सच्चाइ सुनना नही चाहते थे | यीर्मयाह ने उन्हे स्पष्ट रूप से बताया था कि वे प्रभू कि अवहेलना कर रहे थे | नियम का उ्लंघन कर रहे थे, और न्याय के लिए नियत थे |
परमेश्वर ने अपने आनेवाले क्रोध को व्यक्त करणे के लिउबालते बर्तन कि छवी का उपयोग किया | “फिर यहोवा का वचन मेरे पास आया, और पूछा, ‘ तुझे क्या दिखाई देता हैं?’ मैने उत्तर दिया, ‘ मुझे एक उबलता हुआ बर्तन दिखाई देता हैं, जिसका मुहं उत्तर से दक्षिण कि ओर झूका हुआ हैं “|(यीर्मयाह 1 : 13) यहूदी घरो मैं कपडे धोने या खाना पकाने के लिए एक बडा, चौडे मुहं वाला बर्तन होता था | यीर्मयाह ने जो बर्तन देखा उसमे असामान्य बात यह थी कि यह समतलं नही था | यह उत्तर कि ओर झूका हुआ था | बर्तन किसी भी समय अपने उबलते हुए पदार्थ को दक्षिण कि और उगल सकता था, जिससे यहुदा के लोग जल सकते थे | बर्तन बेबीलोना राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता था जो इस्रायल पर आक्रमन करेगा और उसे जीत लेंगा | न्याय का कारण इस्रायल कि मूर्तिपूजा और परमेश्वर कि धार्मिक इच्छा के विरुद्ध विद्रोही था |
येशू मसिह कि शिक्षा मैं दया और न्याय, अनुग्रह और दंड शामिल थे | परमेश्वर हमारे माध्यम से जो कहना चाहते हैं, वह खतरनाक हो सकता हैं, लेकिन परमेश्वर हमे सहनेकी सामर्थ देते हैं | हमारे पास परमेश्वर कि जीत का वादा हैं ” आज मैं ही हूं जिसने तुझे सारे देश के विरुद्ध, अर्थात यहुदा के राजाओ, हाकिमो, याजको और लोगोकें विरुद्ध गाढवाला नगर, लोहो का खंबा और पितल कि दिवारे बनाई हैं | वे तेरे विरुद्ध लडेंगे, परंतु तुजपर प्रबल न होंगे ; क्यूकी मैं तुझे बचाने के लिए तेरे साथ हूं | ” ( यीर्मयाह 1 : 18-19)
वास्तुकला कि शर्तो पर ध्यान दे : एक किलांबंद शहर, एक लोहे का खंबा, और कास्य कि दिवारे, वे उस परमेश्वर कि तरह ठोस और अडीग हैं जिसने उन्हे कल्पना कि थी, और उस भविषवक्ता कि तरह जिसकी वे विशेषतः बनेंगे | परमेश्वर ने यीर्मयाह को अश्वस्त किया ; वे तुमपर आक्रमन करेंगे ; परंतु वे तुमपर विजय प्राप्त नही कर सकते |
जो व्यक्ती परमेश्वर के साथ खडा होता हैं, वही जितता हैंकिसीने एक बार कहा था | “परमेश्वर के साथ एक होना ही बहुमत हैं | अकेले हम असाहाय हैं | परमेश्वर के साथ हम विजय प्राप्त करते हैं |
रोमन साम्राज्य के दिनो मैं, रोम का महान कोलिजिएम दर्शकसे खाचाखच भरा रहता था, जो राजकीय खेलो के लिए आते थे | तथा मनुष्य को जंगली जानवरो या अन्य राक्षसोसे लडते हुए देखते थे | जंगली जानवरो या एक दुसरे के खिलाफ तब तक लडाई जारी रेहती हैं जब तक कि एक या दोनो मर नही जाते | भीड को सबसे ख़ुशी एक इन्सान के मौत से होती थी | जब होनोरीयस 404 ई. मे रोम का सम्राट था, जब विशाल भीड ये मुकाबला देख रही थी, तब टेलिमेकास नाम का एक सिरीयई भिक्षु कोलिजिएम फर्श पर कुद पडा | मानव जीवन के मूल्य के प्रति पुरी तरह उपेक्षा से इतना आहत होकर वह चिलया ; “परमेश्वर के नाम पर यह बात सही नही हैं | परमेश्वर के नाम पर ये बात रुकनी चाहिये |
दर्शक इस सहसी व्यक्ती पर क्रोधित हो गये | उन्होने उसका मजाक उडाया और उसपर चीजे फेंकी | उत्साह मैं आक, गलेडिऍट्रो ने उस पर हमला कर दिया, और एक तलवार उसे छेद गई | सौम्य भिक्षु जमीन पर गिरकर मर गया |
पुरा कोलिजिएम शांत हो गया | पहली बार अतृप्त रक्त – पिपासू लोगोने उस भयाव्हता को पहचाना जिस्से वह मनोरंजन करते थे | टेलिकेमस ने विचारशील लोगो के दिलो और विवेक मैं एक ज्वाला जला दि | इतिहास दर्ज करता हैं, उसके सहसी कार्य के कारण कुछ ही महिनो मैं गलेडियटर मुकाबलो मैं कमी आने लागी और बहुत ही जल्द वे दृश्य से गायब हो गए | क्यू? क्यूकी एक आदमी ने जो सही माना उसके लिए बोलणे कि हिम्मत कि | उसका संदेश खतरनाक था, क्यूकी इसने लोगोकें सुख और आनंद को चुनोती दि थी | हालाकी टेलिकेमस कि मृत्यू हो गई, लेकिन उसका संदेश प्रबल रहा |
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5) बहाना :
क्या मुझे अभि जाना होगा? परमेश्वर यीर्मयाह से तात्काल कार्यवाही कि उम्मीद कर रहा था | परमेश्वर ने कहा ” अब, तैयार हो जाओ | खडे हो जाओ और जो कुछ मैं तुझे अज्ञा देता हूं, वह सब उन्हे बताओ |” (यीर्मयाह 1 : 17) यीर्मयाह के दिनो मैं पुरुषो को दौडने या काम करणे के लिए अपने ढिले वस्त्र को बेल्ट से बांधना पडता था | यीर्मयाह को संघर्ष करणा था | उसके हाथोमे लडाई थी | इसलिये “काम के लिए खूद को तैयार करो ” या ” आपनी कमर कस लो ” वाकयांश एक रुपक था जिसका अर्थ था – “कार्यवाही के लिए तैयार हो जाओ ” आज हम कहेंगे “अपनी आसतींन उपर कर लो ”
परमेश्वर ने यीर्मयाह को कार्य करणे के लिए बुलाया | उसे लोगो के बीच जाने के लिए बुलाया गया था | उसे एक अपमान जनक संदेश देणे के लिए बुलाया गया था | उसका स्वागत नही किया जायेगा न ही उसे स्वीकार किया जायेगा | वो अपने श्रोता ओ को क्रोधित करेगा |
वादा :
परमेश्वर आग्याकारिता कि अपेक्षा करता हैं, यदी हम ऐसा नही करते, तो हम परमेश्वर के क्रोध के खतरे मैं हैं | हमारे पास परमेश्वर के सामर्थ का वादा हैं | ” उनसे मत डरो, नही तो मैं तुम्हे उनके सामने कायर बना दूंगा ” | (यीर्मयाह 1 : 17 ) जब परमेश्वर बुलात हैं, तब अज्ञाकारिता कि एकमात्र उचित प्रक्रिया हैं |
येशू मसिह ने अज्ञा का पालन किया | उन्होने हमेशा वही किया जो उनके पिता ने निर्देश दिया था | कोई हीचकीचाहट नही, कोई सवाल नही, कोई टालमटोल नही | केवलं तात्काल कार्यवाही |
क्या परमेश्वर ने आपको बुलाया हैं? तब वह आप मैं अपना उद्देश पुरा करेगा, वह आप कि रक्षा करेगा, वह आप को सुसज्जीत करेगा, वह आपको सक्षम बनायेगा, वह आपका साथ देगा | क्या आप उसकी अज्ञाओ का पालन कर रहे हो? तब वह आपकी रक्षा करणे के लिए आपके साथ हैं | क्या आप वाचन बॉन्ट रहे हैं? तब वह अपने उद्देश को पुरा करेगा, चाहे लोग कैसी भी प्रतिक्रिया दे |
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